Topic:-Mobile Converted into Bank How Due to cause of CBDC
Digital currency:-क्या मोबाइल ही होगा अब बैंक, कैसे करेंगे 'डिजिटल रुपये' से लेन-देन! नमस्कार,आदाब, ससरिकार आ गया है आपका होस्ट एंड दोस्त ''कुमार अनुभव'' आज हम इस ब्लॉग मे जानने की कोसिसि करेंगे की भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है जो इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च करने में सक्षम बनाएगा "(Mobile Converted into Bank How Due to cause of CBDC) और इस प्रकार डिजिटल रूप में मुद्रा को शामिल करने के लिये 'बैंक नोट' की परिभाषा का दायरा बढ़ाएगा।
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RBI Digital Currency: सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) आरबीआई द्वारा जारी की गई डिजिटल करेंसी हैं. यह एक लीगल टेंडर होगा.यह सेंट्रल बैंक द्वारा इश्यू की गई करेंसी होगी लेकिन पेपर या पॉलिमर से अलग होगी। ये कहना है आरबीआई का।(Mobile Converted into Bank How Due to cause of CBDC)
2022 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि रिजर्व बैंक अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया लॉन्च करेगाी। वित्त मंत्री ने कही थी कि डिजिटल रुपया (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) होगी, जिसे 2022-23 में लॉन्च किया जाएगा.
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बजट भाषण में डिजिटल रुपये के फायदों का भी जिक्र किया गया था। वित्त मंत्री ने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) से डिजिटल इकोनॉमी को एक महत्वपूर्ण बूस्ट मिलेगा. सीतारमण ने कहा, "डिजिटल करेंसी से करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम और एफिशिएंट और किफायती हो जाएगा."
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आइए जानते हैं कि CBDC क्या है और इसके क्या अहम फायदे हैं.(Mobile Converted into Bank How Due to cause of CBDC)
CBDC (Fiat Currency) का एक डिजिटल रूप है जिसमे लेन-देन के लिये ब्लॉकचेन द्वारा समर्थित वॉलेट का उपयोग किया जा सकता है तथा इसे केंद्रीय बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है। यह केंद्रीय बैंक द्वारा जारी डिजिटल रूप में एक कानूनी निविदा है।(Mobile Converted into Bank How Due to cause of CBDC)
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यह मुद्रा सोने जैसी कमोडिटी द्वारा समर्थित नहीं है। फिएट मनी केंद्रीय बैंकों को अर्थव्यवस्था पर अधिक नियंत्रण प्रदान करती है क्योंकि वे नियंत्रित कर सकते हैं कि कितना पैसा मुद्रित किया जाता है।
हालाँकि CBDC की अवधारणा सीधे बिटकॉइन से प्रेरित थी, यह आभासी मुद्राओं और क्रिप्टो संपत्तियों से अलग है जो राज्य द्वारा जारी नहीं की जाती हैं और न ही 'कानूनी निविदा' है।
CBDC की क्या है जरूरत
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डिजिटल रुपये वास्तव में ब्लॉकचेन सहित अन्य टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) पर आधारित करेंसी होने वाली है . डिजिटल करेंसी दो तरह ... की होती है-रिटेल और होलसेल. होलसेल करेंसी का इस्तेमाल जहां वित्तीय संस्थाएं करती हैं, वहीं रिटेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल आम लोग और कंपनियां करती है...
वास्तव में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी Decentralized होता है. इसका मतलब है कि सभी तरह की सूचनाएं एक नेटवर्क के सभी कंप्यूटर पर होती है. हालांकि, डिजिटल रुपया ..डिजिटल रुपया इससे अलग होगा. इसकी वजह यह है कि इसे आरबीआई रेगुलेट करेगा. यह वास्तव में Decentralized नहीं होगा. इसे आसानी से आप मोबाइल से एक दूसरे को भेज पाएंगे और आप हर तरह के सामान खरीद पाएंगे और सर्विसेज का इस्तेमाल कर पाएंगे।
डॉलर पर निर्भरता कम करना:
डिजिटल रुपया भारत को अपने रणनीतिक भागीदारों के साथ-साथ व्यापार के लिये एक बेहतर मुद्रा के रूप में डिजिटल रुपए का प्रभुत्व स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है जिससे की डॉलर पर निर्भरता कम होगी।
Written by Kumar Anubhav...
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