How One District One Product will change Future of India

 

Topic:- How One District One Product will change Future of India  


नमस्कार,आदाब, ससरिकार आ गया है आपका होस्ट एंड दोस्त ''कुमार अनुभव'' आज हम इस ब्लॉग मे जानगे की कैसे ONE DISTRICT ONE PRODUCT (एक जनपद एक उत्पाद ) भारत की फ्यूचर है। हम आज इस ब्लॉग मई जानेगे लेकिन ये ब्लॉग इस टॉपिक का पार्ट 1 है जल्द है पार्ट 2 आएगा आप से ब्लॉग पोस्ट को फॉलो कर ले। धन्यवाद . ( How One District One Product will change Future of India )

How One District One Product will change Future of India


दोस्तों रिसेंटली फाइनेंसियल ईयर 2022-2023 के फर्स्ट कार्डेड के इकनोमिक डेटा realised किया गया जिसमे इंडिया के इकनोमिक ग्रोथ 13. 5 रिकॉर्ड कि गई। और साथ ही खबर सामने आयी की इंडिया के x-colonisers यूनाइटेड किंगडम को पीछे छोड़ते हुए वर्ल्ड की 5th लार्जेस्ट इकनोमिक बन गया है।How One District One Product will change Future of India

लेकिन हमारे लिए और भी स्टैटिक पर नजर देना जरूरी है। ओक्सफ़ैम इंडिया की INEQUALITY स्कील्स के अनुसार इंडिया एक एक्सटरमली उनकल देश है जहा टॉप टेन पर्सन लोग देश की 57% वेल्थ पोसिसे करते है जब की बॉटम 50% के पास सिर्फ 13% वेल्थ ही है। वहीँ इंडिया के करीब 1/3 जनसंख्या अर्बन एरियाज में रहते है और जीडीपी में 63% भागीदारी देते है।

और हमरे ये ओवर क्रोडिड अर्बन एरियाज लिटेराल्ल्य कितने पानी मे है ये हमें रिसेंटली बैंग्लोर के अर्बन फ्लड में देखने को मिल चूका है कभी चेन्नाई कभी दिल्ली कभी मुंबई तो अब बैंग्लोर । अर्बन एरिया की क्रिसेस अब एक आम बात हो गई है। अगर इंडियन ेको िक्स की मेजर वीकनेसेस को देखा जा तो रेगिओनल्ल्य और सोशललय यूनिटी और unbalanced डेवलपमेंट बानी किसे दंदेह के टॉप पर आते है जिसके वजह से ही नेशनल इंटीग्रेशन सुफ्फेर करते ही है लेकिन उसके साथ ही अर्बन एरेस पर एक्सट्रीम प्रेशर की वजह से हर साल हम अर्बन फ्लूड्स और राइजिंग पोल्लुशण जैसे मन मेड crises से बहुत से इनोसेंट लाइफ खो देते है।

How One District One Product will change Future of India


दोस्तों हम इस बात पर गुर करे तो एक इंटरेस्टिंग फैक्ट ये भी है की अन्तर रीजनल कॉन्फ्लीक्टा रोर राइजिंग क्राइम रेट रेगुलर हीटवेव्स , अर्बन फ्लूड्स जैसे एनवारोन्मेंटल डेसेस्टर सब एक कमान फैक्ट से इंटरलिंक है जो है UNBALANCED ECONOMIC GROWTH .. तो चलिए आज हम इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से एक ऐसे initiative के बारे में जानेगे जो इंडिया के इस unbalanced economic growth की आगे ऑफ़ ओल्ड स्टोरी को बदलने की ताकत रखता है

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जिसका नाम है ONE DISTRICT ONE PRODUCT (एक जनपद एक उत्पाद )

ये INITIATIVE रेगिओनल्ल्य सोशललय बैलेंस्ड ग्रोथ को प्रमोट करने के साथ साथ हमारी मनुफैचरिंग और एक्सपोर्ट सेक्टर की ग्रोथ मई भी एक अहम् भमिका निभा सकता है। यही नहीं अगर इसे एफ्फेक्टिकली इम्प्लमेंट किया तो ये इंडिया की सॉफ्ट पावर क ी ताकत रखता है। तो चले हम जानेगे ODOP ININTIAVE आखिर है क्या और साथ ही जनेगे इसके फीचर्स। इसके पॉसिबल इम्पैटस और कैसे ये इनिशिएटिव इसके पहले आयी गई तमाम स्कीम से काफी डिफरेंट है।

Importance of Exports :-


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ये एक export को प्रमोट करता है। इसको जाने से हमे ये समझना पड़ेगा की आखिर एक्सपोर्ट इंडिया के इकनोमिक ग्रोथ के लिए इतना क्यों जरूरी है
और हमेसा से एक्सपोर्ट को क्यों बढ़ावा दिया जा रहा है।

यु तो इंडिया की हिस्ट्री मै जा करा देखे तो इंडिया वर्ल्ड की एक एक्सपोर्ट हब में से एक रहा है। लेकिन ब्रिटिश पीरियड के दौरान हुए सिस्टेमेटिक इकनोमिक ड्रेनेज और deindustrilazion के वजा सइ आजादी के बाद भी इंडिया की एक्सपोर्ट न के बराबर था ऐसे मई जब अर्ली 1990 में इंडिया ने ग्लोबलीसाशन रिफॉर्म्स करते हुए फाइनली अपने इकनोमिक को ओपन कर के बाकि दुनिया के देशों के साथ इंटरलिंक शुरू हुआ। अब अचानक इंडिया के लिए एक्सपोर्ट और भी इम्पोर्टेन्ट हो गया।

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दोस्तों GLOBLIZATION का सरल मीनिंग ये है की,DOMASTIC MARKETS से GLOBAL MARKETS की तरफ बढ़ना। जीसके चलते ही दुनिया की पूरी मार्किट है एक सिंगल मार्किट जैसे बन जाना। ऐसे मे मनुफेक्ट्सुरिंग से लेकर सेल्स तक सारे प्रोसेसेज उस जगह पर किये जाते है जहा उसके प्रोडक्शन कॉस्ट कम से कम और इकोनोमिकल इफ़ेक्ट हो। इसका पमे उदहारण रूप में देख सकते है जिसे WORLD'S FACTORY कहा जाता है। क्युकी दुनिया भर की मुलती नेशनल कम्पनीज इसी एफसीएनसी के चलते अपने प्रोडक्शन सेंटर्स चीन में लगाए बैठे है वही दूसरी और इंडिया दुनिया का सबसे बड़ा मार्किट होने की वजह से टाइम के साथ दुनिया भर से होने वाले इम्पोर्ट भी बढे। लेकिन इन इम्पोर्ट्स को फण्ड लिए FOREGIN करेंसी की जरुरत होती है। और ये बात भी तै है की FOREGIN करेंसी भारत सर्कार छापह नहीं सकती तो जिस पारकर से हम काम के बदले सैलेरी लेते है ठीक ुशी प्रकार से इंडिया को फोरेगीं करेंसी कमानी पड़ती है इसके लिए इंडिया एक्सपोर्ट करता है

 

 

 Written by Kumar Anubhav...

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