Operation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI

 

Topic:-Operation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI (End Part-3)

जय हिन्द दोस्तों ,
(Operation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI )यह ऑपरेशन ऑक्टोपस का लास्ट यानि पार्ट ३ है। इसमे हम जानगे की किस सूज-बुझ से अजित डोवाल और उनकी टीम मेंबर ने PFI का खात्मा किया। अगर आप सब लोगो को इस ब्लॉग पोस्ट से इनफार्मेशन मिल रही है तो इस ब्लॉग को ज्यादा से जयादा शेयर करें।  धन्यवाद। 
Operation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI


2 सितंबर का दिन था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडियन नेवी के नए लोगों का अनावरण करने के लिए कोच्चि आवंटन किया गया था इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए एनएसए अजीत दोवाल भी उनके साथ केला जाते हैं जो कि बहुत ही आम बात थी लेकिन कार्यक्रम खत्म होने के बाद वह प्रधानमंत्री के साथ दिल्ली वापस नहीं आते हैं वह कोई आम बात नहीं थी पीएफआई के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने के लिए केरल में रुक्का अजीत डोभाल वहां के टॉप पुलिस ऑफिसर के साथ मीटिंग करने में लग चुके थे वह नहीं चाहते थे कि उनका यह केरल दौरा एक समाचार बने और ऑपरेशन ऑक्टोपस का भनक मीडिया तक पहुंचने के बाद पीएफआई को लग जाए यही कारण था कि इन मीटिंग के लिए उन्होंने इंडियन नेवी के उस कार्यक्रम को एक कवर की तरह इस्तेमाल किए.... part 2:-(Operation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI)

केरल में पीएफआई के आधिकारिक ठिकानों को लीडर्स के घरों पर एक साथ कैसे रेट की जाएगी कि केरल पुलिस ने की क्या तैयारी की है आने वाले कुछ दिनों में इन मुद्दों पर अजीत डोभाल और एनआईए और ईडी आईबी के बीच अनेकों लंबी-लंबी मीटिंग्स होती है आईबी और रॉ के मीटिंग के अनुसार केरल कर्नाटक के बाद पीएफआई का नेटवर्क महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मजबूत था इसलिए अली इसीलिए अजितवाल केरल से सीधा मुंबई के लिए निकल गए हैं और मीडिया के नजरों से दूर अपने सिक्योरिटी ऑफिसर के साथ एक के बाद एक कई मुलाकात करते हैं बेंगलुरु में हुए अपने मीटिंग में अमित शाह प्रधानमंत्री को बताते हैं कि दक्षिण भारत में स्थिति कंट्रोल में है लेकिन यूपी दिल्ली बिहार में थोड़ा स्थिति कमजोर है इसलिए आने वाले कुछ समय के दौरान अमित शाह और अजीत डोभाल व्यक्तिगत यूपी बिहार और दिल्ली के टॉप अधिकारियों के साथ मीटिंग करने में लग जाते हैं।Operation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI

लगभग 20 दिनों तक दिल्ली यूपी बिहार ग्राउंड वर्क करने के बाद 21 सितंबर 2022 को मोदी सा और अजीत दोवाल अपने एक्शन टीम के साथ आखरी बार मीटिंग करते हैं इस मीटिंग में आईबी चीफ तपन देखा इस पर विश्वास दिलाते हैं कि मिशन ऑक्टोपस के बारे में पीएफआई को जरा सी भी भनक नहीं है उसके लीडर्स और और ऑपरेटर रोज की तरह अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं उनके गतिविधियों में कुछ भी असामान्य नहीं देखा गया है एक्शन टीम में शामिल गवर्मेंट ऑफिसर उनके राज्यों की स्थिति जाने के बाद पहले तो प्रधानमंत्री काफी देर तक कुछ सोचते रहते हैं और फिर पानी पीते हुए कहते हैंOperation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI

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मैं जानता हूं कि आप सब कई महीनों से मेहनत कर रहे हैं और इस ऑपरेशन को अपने अंजाम तक पहुंचाने के लिए काफी उतावले हो लेकिन हमें इस सी दौर से खुद को बचाना है याद रहे हमारा एक कदम हमारी सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है बस कुछ घंटे बाद हमारा इंतिहान शुरू होने वाला है और हमारी एक छोटी सी चूक भी पीएफआई के नेताओं को हमेशा के लिए दूर कर सकती है जाइए और अपने इस ऑपरेशन को पूरी लगा हमसे पूरा कीजिए मां भारती आपके साथ हैंOperation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI

प्रधानमंत्री से ग्रीन सिग्नल मिलते ही अपने-अपने स्टेट के स्टेट लेवल के ऑफिसर अपने-अपने राज्यों के पुलिस के साथ यह शेयर कर देते हैं इस समय तक कुछ चुनिंदा अधिकारी यह तो पता था कि जल्दी पीएफआई के ऊपर कुछ कार्रवाई होने वाली है लेकिन यह एक्शन कहां कहां और किस किस के ऊपर और किस-किस समय में होने वाली है उनके बारे में कुछ भी नहीं बताया गया था और इसका एक बहुत अच्छा कारण भी था आर्मी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार केरल कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे पुलिस डिपार्टमेंट पीएफआई से सिम लगा चुकी थी यानी कि इन राज्यों में कई पुलिस वाले ऐसे थे जो कि पीएफआई के सक्रिय मेंबर बन चुके थे इसका मतलब यह था कि पीएफआई के नेताओं नेताओं को ऑपरेशन ऑक्टोपस का खबर लगने का संकोच था और पूरा पूरा अंदेशा भी था राज्यों के पुलिस को अंतिम क्षण तक अंधेरे में रखने के लिए दूसरा कारण यह भी था कि पीएफआई के लिए पुलिस वालों के मन में खौफ भी बैठा था कई राज्यों के पुलिस ऑफिसर पीएफआई से बहुत ज्यादा डरे हुए थे उन्हें इस बात की चिंता सता रही थी कि उन्होंने यदि पीएफआई के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई की तो उनके हथियार बंद है बॉस उनके परिवार से बदला लेने का अवश्य कोशिश करेंगेOperation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI

इसीलिए इन 15 राज्यों में डिटेल चेक करने के बाद एनआईए और ईडी ने खुद अपने हाथों से खुद पुलिस वालों को चुने थे अपने-अपने राज्यों के कुछ सबसे दबंग ऑफिसर को 29 का हिस्सा बनाया गया जीने समय आने पर पीएफआई के ऊपर रेड करनी थी ।

शाम के 6:00 pm, 21 सितंबर 2022 को 15 राज्यों के 93 शहरों में स्थित अलग अलग अलग अलग थानों में इंतजार कर रहे हैं टीम को छापों के लिए लोकेशंस और टारगेट्स लोगों का डिटेल इंफॉर्मेशन भेज दी जाती हैOperation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI

सुबह के 3:00 बजे 22 सितंबर 2022 को एनआईए और ईडी के 300 से ज्यादा ऑफिसर लोकल पुलिस ऑफिसर के सहायता से एक साथ एक समय पर चुने गए लोकेशंस पर रेड शुरू कर देते हैं रेड जोकि पीएफआई के दफ्तर और नेताओं के घरों पर मारी जा रही थी जो कि अपने आंखों में हिंदू मुक्त भारत का सपना लिए चैन की नींद सो रहे थे ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत मारे गए रेट से पीएफआई के से जुड़े कुल 106 मेंबर्स को गिरफ्तार किया जाता है और कोशिको से उठाए गए एक ऐसे ही मेंबर का नाम है सफीक पाइथOperation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI

ईडी द्वारा कोर्ट में जमा कराए गए रिमांड नोट के अनुसार 12 जुलाई के दिन पटना में हुई पीएम मोदी की रैली के ऊपर हमले की योजना को सफीक पाइप ही अंजाम दे रहा था सफीक द्वारा उपलब्ध कराए गए पैसों से बिहार में स्पेशल कैंप चलाए जा रहे थे जहां पर चुनिंदा युवाओं को मोदी के ऊपर अटैक करने का ट्रेनिंग दिया जा रहा था।Operation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI

ऑपरेशन ऑक्टोपस का पहला राउंड सफलतापूर्वक हो चुका था और पी एफ आई का समस्त नेतृत्व करने वाला सलाखों के पीछे था लेकिन बाहर कुछ चुनिंदा नेता अपने राज्यों में बंद का ऐलान कर देते हैं इस बंद के दौरान कई जगहों पर हिंसा भी होती है कुछ सिविलियंस और पुलिस वाले भी घायल होते हैंOperation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI

एनएसएस के नेता अजीत डोभाल यह जानते थे कि पीएफआई के कुछ चुनिंदा 10 नेता जेल में डालने से कुछ नहीं होगा टियर 2 और टीआरसी के नेता ज्यादा दिन तक बाहर रहे तो बदला लेने के लिए जल्द ही अपने-अपने जिलों में आतंक का नंगा नाच जरूर करवाएंगे



इसीलिए पहले राउंड के ठीक 5 दिन बाद सुबह के 3:00 27 सितंबर 2022 को एनआईए और ईडी की टीम जॉइंट ने पीएफआई के ऊपर रेड मारना शुरू कर दिया और इस बार पीएफआई के उन नेताओं को निशाना लगाए बनाए जा रहा था जो कि अपने आप को जेल से बाहर निकालने के लिए खूनी प्लस बनाना शुरु कर रहे थे

ऑपरेशन ऑक्टोपस राउंड टू केबाद पीएफआई के कुल एक्टिव मेंबर 127 लोगों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है।

गिरफ्तार किए गए दो सौ से अधिक नेताओं और मेंबर्स के अलावा गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन से पीएफआई के 2000 अंडर स्कैनर में दाल दिया जाता है जिसका मतलब यह है कि इन लोगों का हर दिन का दिनचर्या नोटिफिकेशन सर्च में रहेगी कोई समारोह आयोजित करने से पहले यह शहर छोड़ने से पहले लोकल पुलिस थाने में से परमिशन लेनी पड़ेगी और यह इनकी आने वाली साथ पुस्ते सरकारी नौकरी तक नहीं कर पाएगा

दूसरा राउंड खत्म होने के ठीक 24 घंटे के बाद आखिर वसई जाता है जिसका इंतजार ना जाने कब से किया जा रहा था गृह मंत्रालय की तरफ से पीएफआई के ऊपर 5 साल के लिए ब
बैन लगाए जाने वाला नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाता है

पीएफआई के साथ-साथ आठ और अतिशयोक्ति वाले संगठन के ऊपर भी बैन लगाया जाता है संगठन जिनके खिलाफ ऑपरेशन ऑक्टोपस के दौरान राष्ट्रीय विरोधी होने के पुख्ता सबूत इकट्ठा किए गए थे

अपने ऊपर बैल लगने से कुछ ही घंटे बाद पीएफआई का स्टेट जनरल सेक्रेट्री अब्दुल सत्तार बयान जारी करते हुए पीएफआई को हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर देता है

वैसे तो अब हजारों कारण गिनाए जा सकते थे जिन्होंने पीएफआई के ऊपर बैल लगवाने के लिए निर्णायक भूमिका निभाई थी लेकिन अजीत दोवाल के करीबी सूत्रों की मानी जाए तो पीएफआई द्वारा सीए एनआरसी और हिजाब के जो झूठ से भरे दिस इंफॉर्मेशन अभियान चलाए गए दिल्ली समेत जहां कई राज्यों में हिंसा फैलाई गई और इन मुद्दों के बहाने हिंदू वह के निर्मम हत्या की गई पीएफआई की इन हरकतों ने उनका उसका नाम मोदी और अमित शाह के हिटलिस्ट में सबसे ऊपर लाकर खड़ा कर दिया लेकिन बात अगर हम करें अजितवाल के व्यक्तिगत रूप से तो उन्होंने तो पीएफआई को उसी दिन खत्म करने की ठान ली थी जब 15 जुलाई के उस दिन उनके हाथों में पीएफआई के द्वारा पीएम मोदी को खत्म करने के सबूत थर्माए गए थे।



एन आई से सबूत मिलने के बाद अपने टीम से कुछ यह शब्द कहे थे,,, यह लोग प्रधानमंत्री का हत्या का प्लान बना कर के भी घूम रहे हैं और मेरा मानना है कि ऐसा करना तो दूर की बात ऐसा सोचने पर किसी भी व्यक्ति का आत्मा कांप जानी चाहिए पता नहीं आप लोग कैसे करोगे लेकिन मैं प्रधानमंत्री एक वचन देने जा रहा हूं कि आज से 90 दिन के अंदर अंदर इस देश के धरती से पीएफआई का अस्तित्व मिटा दिया जाएगा


                                     Written by Kumar Anubhav...

Operation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI


         In English Context....

Topic:-Operation Octopus to fight the Hindu free dreamer PFI

Jai hind friends,

This is the last part 3 of Operation Octopus. In this, we will know with what swelling Ajit Doval and his team member ended PFI. If all of you are getting information from this blog post, then share this blog as much as possible. Thank you.

It was 2nd September and Prime Minister Narendra Modi was allotted Kochi to unveil the new men of the Indian Navy. NSA Ajit Doval also goes banana with him to participate in this program which was very common but the program ended. After that, he does not come back to Delhi with the Prime Minister. This Kerala visit of his became a news and after reaching the media about Operation Octopus, the PFI was aware that this was the reason why he used that program of the Indian Navy as a cover for these meetings.

How will the official locations of PFI in Kerala be rated together at the houses of the leaders What preparations have been made by Kerala Police In the coming few days there are many long meetings between Ajit Doval and NIA and ED IB on these issues According to the meeting of IB and RAW, Kerala was the strongest network of PFI in Maharashtra after Karnataka, so Ali, therefore, Ajitwal has left Kerala for Mumbai directly and away from the eyes of the media, many meetings with his security officer one after the other. In his meeting held in Bangalore, Amit Shah tells the Prime Minister that the situation in South India is under control, but in UP, Delhi, Bihar, the situation is weak, so during the coming time Amit Shah and Ajit Doval will be the top leaders of UP Bihar and Delhi. Engage in meeting with officials.

After doing Delhi UP Bihar ground work for about 20 days, Modi Sa and Ajit Doval meet for the last time with their action team on 21st September 2022 In this meeting IB Chief Tapan Dekha assures that PFI about Mission Octopus Has no clue, its leaders and operators are living their lives as usual, nothing unusual has been seen in their activities, the government officers involved in the action team, after going to the status of their states, the prime minister for a long time. Some keep thinking and then say while drinking water

I know that all of you are working hard for many months and you are very eager to make this operation to its end, but we have to save ourselves from this phase, remember our one step can ruin all our hard work. After a few hours our examination is about to start and even a small mistake of ours can remove the leaders of PFI forever, go and complete this operation with us, Mother Bharti is with you.

As soon as they get the green signal from the Prime Minister, the state level officers of their respective states share this with the police of their respective states. Nothing was told about where the action is going to take place on whom and at what time, and there was a very good reason for this, according to the report prepared by the army, police departments like Kerala, Karnataka and Maharashtra PFI The SIM had been installed in these states, that is, there were many policemen in these states who had become active members of PFI. The second reason for keeping the police in the dark till the last moment was that there was fear in the minds of the policemen for PFI. Police officers of many states were very much afraid of PFI, they were worried that they If any action is taken against PFI then their weapons are off. Boss is with his family. I will definitely try to take revenge

That is why after checking the details in these 15 states, the NIA and ED themselves had selected the policemen with their own hands.

At 6:00 pm on 21st September 2022, the readers are waiting in different police stations located in 93 cities of 15 states, the details information of the locations and targets of the people are sent to the readers for the raids.

At 3:00 am on 22nd September 2022, more than 300 officers of NIA and ED with the help of local police officers start raids on selected locations at the same time which are being raided at PFI offices and leaders' houses. Who was sleeping peacefully with the dream of Hindu free India in his eyes hai safiq pyth

According to the remand note submitted by the ED in the court, Saffiq Pipe was executing the plan to attack PM Modi's rally in Patna on July 12. Special camps were being run in Bihar with the money provided by Saffiq. Where selected youths were being trained to attack Modi.

The first round of Operation Octopus was successfully completed and the entire leader of PFI was behind bars, but outside some select leaders declare a bandh in their states, during this bandh there is violence in many places, some civilians and cops get injured too

NSS leader Ajit Doval knew that putting a few selected 10 leaders of PFI in jail would not do anything, if the leaders of Tier 2 and TRC remained out for a long time, then soon there would be an orgy of terror in their respective districts to take revenge. will get it done

That's why exactly 5 days after the first round at 3:00 in the morning, on 27 September 2022, the team joint of NIA and ED started raiding PFI and this time those leaders of PFI were being targeted who were on their own. Were starting to make bloody plus to get him out of jail

After Operation Octopus Round Two, total active members of PFI 127 people are arrested and put behind bars.

In addition to the more than two hundred arrested leaders and members, the notification of the Ministry of Home Affairs is put in 2000 under scanner of PFI, which means that the daily routine of these people will be in notification search before organizing any function. Before leaving the city, permission will have to be taken from the local police station and it will not be able to do government jobs with them.

Exactly 24 hours after the end of the second round, it finally goes to Vasai, which was waiting for 5 years from the Ministry of Home Affairs for 5 years.
Ban notification is issued

Along with the PFI, eight more exaggerated organizations are also banned against whom strong evidence of being anti-national during Operation Octopus was gathered

A few hours after the bull was hit on him, the State General Secretary of PFI, Abdul Sattar issued a statement, ending the PFI forever.

Although now thousands of reasons could be counted which played a decisive role in getting the bullock installed on PFI, but if sources close to Ajit Doval are to be believed, this information campaign full of falsehoods of CA NRC and Hijab was run by PFI including Delhi where Violence was spread in many states and these acts of PFI were brutally murdered on the pretext of these issues, these actions of PFI brought their name to the top of the hit list of Modi and Amit Shah but if we talk about Ajitwal personally then He was determined to finish the PFI on the same day when on that day of 15th July, the evidence of PFI eliminating PM Modi was presented in his hands.

After getting the evidence from the NI, some of these words were said to his team,,, These people are also roaming around with a plan to assassinate the Prime Minister and I believe that it is a far cry from any person to think like this. The soul should tremble, I don't know how you guys will do it, but I am going to give a promise to the Prime Minister that within 90 days from today, the existence of PFI will be eradicated from the earth of this country.

                                                                                             Written b y Kumar Anubhav....

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