Topic:- PM Modi declares in Gujarat(Modhera) as India's first 24x7 solar-powered village
नमस्कार,आदाब, ससरिकार आ गया है आपका होस्ट एंड दोस्त ''कुमार अनुभव'' आज हम इस ब्लॉग मे जानने की कोसिस करेंगे की हाल-फिलहाल में ही भारत के प्रधान मंत्री नरेंदर मोदी ने गुजरात के मेहसाणा ज़िले का एक गाँव मोढेरा को भारत का पहला सौर ऊर्जा संचालित गाँव घोषित किया। और सात ही ये भी जानेगे की मोढेरा का इतिहास और भारत में सौर ऊर्जा की स्थिति चलिए शुरू करते है (PM Modi declares India's first 24x7 solar-powered village) आज का ब्लॉग
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने मोढेरा (गुजरात के मेहसाणा ज़िले का एक गाँव) को भारत का पहला सौर ऊर्जा संचालित गाँव घोषित किया।
ये है भारत का पहला सौर ऊर्जा संचालित गाँव:
- ये गांव गुजरात के मेहसाणा जिले से 25 किमी और राज्य की राजधानी गांधीनगर से लगभग 100 किमी दूर स्थित है।
- यह 2,436 हेक्टेयर भूमि में फैला हुआ है। और यह पुष्पावती नदी के तट पर स्थित है।
- यहाँ चालुक्य वंश के भीम प्रथम के शासनकाल के दौरान बनाया गया प्रसिद्ध सूर्य मंदिर स्थित है
- यह मंदिर वास्तुकला की मारू-गुर्जर शैली (चालुक्य शैली) में बनाया गया था।
- मंदिर में 3-डी प्रोजेक्शन सुविधा मिलेगी जो पर्यटकों को मोढेरा गांव के इतिहास के बारे में जानकारी प्रदान करेगा।
- हेरिटेज लाइटिंग के उद्घाटन ने इस मंदिर को भारत का पहला विरासत स्थल बना दिया है जो केवल सौर ऊर्जा द्वारा संचालित है।
- ये सभी सोलर सिस्टम बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) से जुड़े हैं।
- BESS एक प्रकार की ऊर्जा भंडारण प्रणाली है जो बिजली के रूप में ऊर्जा को स्टोर और वितरित करने के लिये बैटरी का उपयोग करती है।
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मुख्य बिंदु :-
- मोढेरा गाँव भारत का पहला 24X7 सौर ऊर्जा संचालित गाँव बन गया है। जो की गुजरात के मेहसाणा जिले में िस्थत है।
- इसी गांव में "ग्राउंड माउंटेड" सोलर प्लांट है।
- 1 किलोवाट क्षमता वाले हजार से अधिक सौर पैनल भी इस गांव के घरों में लगाए गए हैं, जिससे यहाँ रहने वाले लोगो को 24 घंटे व सातों दिन मुफ्त सौर ऊर्जा प्राप्त करने में मदद मिलती है।
- ये सभी सोलर सिस्टम BESS (बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम) से जुड़े हैं।
- सौर पैनल दिन के समय गांव को बिजली प्रदान करेगी वही BESS शाम को घरों को बिजली प्रदान करेगी।
- दो चरणों में लागू किया गया था इस परियोजना को , जिसमें राज्य ने इसके कार्यान्वयन के लिए 12 हेक्टेयर भूमि आवंटित की थी। इस परियोजना के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारों ने लगभग 80 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
- इससे लोगों को बिजली बिलों में 60 से 100 प्रतिशत की राहत।
कैसी रही मोढेरा के सौर ऊर्जा परियोजना की यात्रा
इस परियोजना के लिए भारत सरकार और गुजरात सरकार ने मेहसाणा के सुजानपुरा में बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के साथ एकीकृत सौर ऊर्जा परियोजना जो कि सूर्य मंदिर से मात्र 6 किमी. की दूरी पर स्थित है, के माध्यम से मोढेरा को 24x7 सौर ऊर्जा आधारित बिजली प्रदान करने के लिए 'सोलराइजेशन ऑफ मोढेरा सन टेम्पल एंड टाउन' पहल की शुरुआत की. गुजरात सरकार ने इस परियोजना के विकास के लिए 12 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है।
केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त योजना
इस परियोजना के लिए संयुक्त रूप से भारत सरकार और गुजरात सरकार के द्वारा दो चरणों में 50:50 के आधार पर संयुक्त रूप से 80.66 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, यानी की फेज-I में 69 करोड़ और फेज- II में 11.66 करोड़ रुपये खर्च किए गए। सौर ऊर्जा से बिजली की सुविधा प्राप्त करने वाले मोढेरा के सभी 1300 घरों में से प्रत्येक घर में एक किलोवॉट की क्षमता वाले सोलर रूफटॉप सिस्टम को स्थापित किया गया है। इन सौर पैनलों के माध्यम से दिन के समय बिजली की आपूर्ति की जाती है और शाम को BESS (बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स) के जरिए घरों में बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
क्यों है खास है ये परियोजना?
- मोढेरा शुद्ध अक्षय ऊर्जा उत्पाद करने वाला इस परियोजना के माध्यम से भारत का पहला गांव बन गया है.
- • यह पहला ऐसा आधुनिक गांव है, जिसमें सौर आधारित "अल्ट्रा-मॉडर्न इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन" की सुविधा उपलब्ध है।
- • यहाँ पर भारत का पहला ग्रिड कनेक्टेड MWh स्केल बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम स्थापित किया गया है।
- • यहां के स्थानीय लोग आवासीय बिजली बिलों में 60% से 100% की बचत कर प् रहे है।
लाभ:
इस परियोजना के तहत भारत की अक्षय ऊर्जा कौशल ज़मीनी स्तर पर लोगों को सशक्त बना सकती है।
गाँव के लोग बिजली के लिये बिजली बिल नहीं देने होंगे , बल्कि वे इसे बेचना शुरू कर सकते हैं और सौर पैनल द्वारा उत्पादित ऊर्जा को सरकारी ग्रिड को बेचकर धन कमा सकते हैं।
संभव है की यह परियोजना ग्रामीण स्तर पर रोज़गार पैदा करेगी और अंततः जीवन स्तर में सुधार होगा।
इससे संभावना है की क्षेत्र में विभिन्न कल्याणकारी परियोजनाओं के सतत् कार्यान्वयन को बढ़ावा मिलेगा।
क्षेत्र के निवासी अपने बिजली बिलों को 60-100% बचा सकेंगे।
इस योजना के माध्यम से जाहिर है की वहां के ग्रामीण महिलाओं और लड़कियों के कठिन परिश्रम में कमी आएगी जो लंबी दूरी से ईंधन की लकड़ी के संग्रह करने और रसोई में खाना पकाने में लगी हुई हैं।
भारत में सौर ऊर्जा की स्थिति:
- परिचय: पिछले 8 वर्षों में स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता में 19.3 गुना वृद्धि हुई है और यह 56.6 GW है।
- इसके अलावा भारत के द्वारा वर्ष 2022 के अंत तक 175 गीगावाट (GW) अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसे की वर्ष 2030 तक 500GW तक पहुँचाने का लक्ष्य रखा गया है।
यह अक्षय ऊर्जा के लिये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है।
भारत नई सौर ऊर्जा क्षमता के मामले में एशिया में दूसरा और विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा बाज़ार है।
यह पहली बार जर्मनी (59.2 GW) को पछाड़ते हुए कुल स्थापित क्षमता (60.4 GW) के क्षेत्र में चौथे स्थान पर है।
जून 2022 तक राजस्थान और गुजरात बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले शीर्ष राज्य थे, जिनकी स्थापित क्षमता क्रमशः 53% एवं 14% थी, इसके बाद महाराष्ट्र (9%) का स्थान है।
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