Demonetisation in India


Topic:-Demonetisation in India

आज हम बात करने वाले है बीते हुए उस समय की जब नोटेबंदी सुनते ही सब लोग एटीएम व बैंक की तरफ भागे थे , परन्तु उनको क्या मालूम की बैंको के पास भी 500 व 2000 के नए नोट नहीं है। क्या तात्पर्य हुआ इसका यही आज का टॉपिक होने वाला है Demonetisation in India इस ब्लॉग पोस्ट का।

जय हिन्द दोस्तों,

Demonetisation in India


चर्चा में क्यों ?

आज से 6 साल पहले कोर्ट में 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने के फैसले के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी, की किस काननू के तहत नोटबंदी की है। ऐसा कोन सा कानून है जो की सरकार ने जनता को नहीं बताया और नोटेबंदी कर दी।

ये घटना क्यों है मायने

क्योकि इस घटना को खुद पूर्व वृत मंत्री P. Chidambaram केश लड़ रहे है और इससे पहले वो गवर्नर भी रह चुके है, यानि की वो खुद ये जानना चाहते है की ऐसे कोन सा कानून है जिसे लागु कर नोटेबंदी की गई थी।

अब क्या ?

बात है 2016,नवंबर 8 की जब नोटेबंदी हुई थी उस समय के वृति मंत्री खुश थे इस नोटेबंदी स्कीम से की इस तरह से काला धन वापस हो जायेगा। सरकार ने जो दलीले दी थी उससे वो खुस थे। ऐसे स्थित में उस समय फैसला हो नहीं पाया अब जा कर साफ़ हो चूका है की जिस उद्देश्य के साथ नोटेबंदी की थी वह कारगार नहीं हो पाया। तब जा कर के लगभग 40 याचिका दायर थी घूमते- घूमते पहुंच गई की देख लीजिए नोटबंदी जिस उद्देश्य से किया गया था वो होही नहीं रहा है। तब जा कर के अब 5 जजों की संवैधानिक बैंच बिठाई गई। इन जजों ने केंद्र सर्कार से जबाब मांगी है कली आखिर कानून क्या था नोटेबंदी का।

5 जज की बैंच ने कहा है की आप अपना affidavit जमा करो अगली बैठक 9 नवंबर 2022 को होगी।
5 जज की बैंच :-जस्टिसस सए नज़ीर , BR Gavai ,AS Bopanna ,Justic , BV Nagarathna , एंड जस्टिस Ramasubramanian

Demonetisation in India
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सरकार की तरफ से :-

सरकार के तरफ से जो अटॉर्नी जनरल थे R Venkataramani इनका कहना है की अब ये बात सिर्फ पढ़ने के लिए रह गई है , यदि आप इस पर कोई decision देते भी है तो ये Null & Void की तरह होगी।
लिकेन जो याचिका करता है उनका कहना है की अगर आज हमने कोई फैसला करवा दिया तो ाचा है की आने वाले भविष्य मे इस तरह की चीजों से बच जायेगे।

याचिका करने वाले ने पूछा की किस कानून के तहत आप ने नोटेबंदी की तो सरकार का कहना है की हमने RBI अधिनियम की धरा 26(2) के तहत इस कानून को लागू किये थे।

लेकिन इस कानून में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा है की नोटेबंदी कर दो कालाधन को पकड़ने के लिए. चलिए मै बताता हु की इस मई क्या लिखा है इस में लिखा है की केंद्र सर्कार को एक खास सीरीज के करेंसी नोटों को रद्द करने का अधिकार है न की सम्पूर्ण करेंसी नोटों को बंद करने का।

Part 2 Coming soon...

 Written by Kumar Anubhav...



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