Topic:- India's Steel Man Jamshed J Irani passes away
टाटा स्टील के पूर्व प्रबंध निदेशक और भारत के 'स्टील मैन' कहे जाने वाले जमशेद जे. ईरानी 85 वर्ष के उम्र में सोमवार देर रात जमशेदपुर के "टाटा मेन हॉस्पिटल' में आखिरी सांस ली। ईरानी चार दशकों से अधिक समय से टाटा स्टील से जुड़े रहे। वह 43 साल की विरासत को पीछे छोड़ते हुए जून 2011 में टाटा स्टील के बोर्ड से सेवानिवृत्त हुए थे। (India's Steel Man Jamshed J Irani passes away)
जय हिन्द मेरे प्यारे दोस्तों ,
स्वागत है आप सब का हॉट टॉपिक के आर्टिकल नो 43 में। आज हम इस ब्लॉग आर्टिकल में जानेगे एक महँ हस्ती के बारे में जो की भारत के 'स्टील मैन' के नाम से जाने जाते है। चूँकि आज इनका 86 वर्ष के उम्र में निधन हो गया है।
टाटा स्टील और टाटा संस के अलावा, डॉ ईरानी ने टाटा मोटर्स और टाटा टेलिसर्विसेज सहित टाटा समूह की कई कंपनियों के निदेशक के रूप में भी काम किया। ईरानी के परिवार में उनकी पत्नी डेज़ी ईरानी और उनके तीन बच्चे जुबिन, निलोफ़र और तनाज़ हैं।
टाटा के साथ कैसे शुरू हुआ सफर
जमशेद जे. ईरानी विदेश में शिक्षा ग्रहण करने और पेशेवर जीवन की शुरुआत करने के बाद, ईरानी 1968 में ‘टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी’ (अब टाटा स्टील) में शामिल होने के लिए भारत लौट आए। वह कंपनी से अनुसंधान और विकास के प्रभारी निदेशक के सहायक के रूप में जुड़े. टाटा स्टील और टाटा संस के अलावा, डॉ ईरानी ने टाटा मोटर्स और टाटा टेलिसर्विसेज सहित टाटा समूह की कई कंपनियों के निदेशक के रूप में उनके द्वारा गया।
टाटा संस के चेयरमैन दिया बयान
ईरानी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि ईरानी टाटा से जुड़े एक सर्वोत्कृष्ट व्यक्ति थे. उन्होंने कहा कि वह एक महान कॉरपोरेट व्यक्तित्व थे, जिनका इस्पात उद्योग में बहुत बड़ा योगदान था. टाटा समूह में हम सभी को डॉ ईरानी की बहुत याद आएगी और हम उनकी दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना करते हैं. टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने कहा कि ईरानी ने नब्बे के दशक में कंपनी को बदल दिया और इसे दुनिया में सबसे कम लागत वाले इस्पात उत्पादकों में से एक बना दिया. नरेंद्रन कहा, ''उन्होंने एक मजबूत नींव बनाने में मदद की, जिस पर हम बाद के दशकों में विकसित हुए.
जन्म कब और कहां हुआ
ईरानी का जन्म 2 जून 1936 को नागपुर में जिजी ईरानी और खोरशेद ईरानी के घर में हुआ. उन्होंने 1956 में साइंस कॉलेज, नागपुर से बीएससी और 1958 में नागपुर विश्वविद्यालय से भूविज्ञान में एमएससी पूरा किया. इसके बाद उन्होंने ब्रिटेन के शेफील्ड विश्वविद्यालय से धातुकर्म में परास्नातक और पीएचडी की उपाधि हासिल की. उन्होंने 1963 में शेफील्ड में ब्रिटिश आयरन एंड स्टील रिसर्च एसोसिएशन के साथ अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की।
उनका परिवार
ईरानी के परिवार में उनकी पत्नी डेज़ी ईरानी और उनके तीन बच्चे जुबिन, निलोफर और तनाज़ हैं।
इन सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं ईरानी
वह 1968 में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (अब टाटा स्टील) में शामिल होने के लिए भारत लौट आए. उन्होंने 1992-93 के दौरान भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद भी संभाला. उन्हें कई सम्मान मिले, जिसमें 1996 में रॉयल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के इंटरनेशनल फेलो के रूप में उनकी नियुक्ति और 1997 में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा मानद नाइटहुड की उपाधि शामिल है. उद्योग में ईरानी के योगदान के लिए उन्हें 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. टाटा स्टील ने कहा, ''उन्हें एक दूरदर्शी नेता के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में भारत के आर्थिक उदारीकरण के दौरान टाटा स्टील का नेतृत्व किया और भारत में इस्पात उद्योग के विकास में अत्यधिक योगदान दिया.
Written by Kumar Anubhav..
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Topic:- India's Steel Man Jamshed J Irani passes away
Jamshed J., former Managing Director of Tata Steel and known as the 'Steel Man' of India. Irani breathed her last at the "Tata Main Hospital" in Jamshedpur late on Monday night at the age of 85. Irani has been associated with Tata Steel for more than four decades. He left behind a 43-year legacy on the board of Tata Steel in June 2011. (India's Steel Man Jamshed J Irani passes away)
Jai Hind my dear friends,
Welcome all of you to hot topic article no 43. Today in this blog article we will know about a great personality who is known as 'Steel Man' of India. Since today he has passed away at the age of 86.
Apart from Tata Steel and Tata Sons, Dr. Irani also served as a director of several Tata Group companies, including Tata Motors and Tata Teleservices. Irani is survived by his wife Daisy Irani and their three children Zubin, Nilofar and Tanaaz.
How the journey started with Tata
Jamshed J. After Irani studied abroad and began a professional life, Irani returned to India in 1968 to join the 'Tata Iron and Steel Company' (now Tata Steel). He joined the company as an assistant to the director in charge of research and development. Apart from Tata Steel and Tata Sons, Dr. Irani was followed by him as director of several Tata group companies, including Tata Motors and Tata Teleservices.
Tata Sons Chairman's statement
Condoling the death of Irani, Tata Sons Chairman N Chandrasekaran said that Irani was a quintessential person associated with Tata. He said that he was a great corporate personality who contributed immensely to the steel industry. All of us at Tata Group will miss Dr. Irani and we pray for his departed soul. T V Narendran, CEO and Managing Director of Tata Steel, said Irani transformed the company in the nineties and made it one of the lowest cost steel producers in the world. Narendran said, "He helped build a strong foundation on which we developed in the following decades.
when and where was born
Irani was born on 2 June 1936 in Nagpur to Jiji Irani and Khorsed Irani. He completed BSc from Science College, Nagpur in 1956 and MSc in Geology from Nagpur University in 1958. He then earned his Masters and PhD in Metallurgy from the University of Sheffield, UK. He began his professional career with the British Iron and Steel Research Association in Sheffield in 1963.
their family
Irani is survived by his wife Daisy Irani and their three children Zubin, Nilofar and Tanaaz.
Irani has been honored with these honors
He returned to India in 1968 to join the Tata Iron and Steel Company (now Tata Steel). He also held the post of National President of Confederation of Indian Industry (CII) during 1992-93. He received several honours, including his appointment as an International Fellow of the Royal Academy of Engineering in 1996 and an honorary knighthood by Queen Elizabeth II in 1997. She was awarded the Padma Bhushan in 2007 for Irani's contribution to the industry. Tata Steel said, "He will be remembered as a visionary leader who led Tata Steel during India's economic liberalization in the early 1990s and contributed immensely to the growth of the steel industry in India.
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