End part 4: Privatization is Good or Bad for India

 

Topic:-Privatization is Good or Bad for India 

दोस्तों 2014 के जनरल इलेक्शन डिक्लेयर होने के साथ ही यह एक्सपेक्ट किया जाने लगा था कि इस बार फिर से स्ट्रैटेजिक्स सेल्स का दौर शुरू हो जाएगा ऐसा इसलिए था क्योंकि एनडीए गवर्नमेंट फिर से सत्ता पर स्थापित हो चुकी थी और ऐसे में उनकी इकोनामिक पॉलिसी भी उसी ट्रैक पर रहने की उम्मीद थी जैसे की फेस 2 के दौरान देखने को मिला था।Privatization is Good or Bad for India 

Privatization is Good or Bad for India

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जय हिंद मेरे प्यारे दोस्तों आप सब का स्वागत है इस आर्टिकल में कि क्या प्राइवेटाइजेशन भारत देश के लिए सही है या गलत आप इस आर्टिकल के टॉपिक का जो मतलब है समझने वाले हैं तो ध्यान से इस आर्टिकल को शुरू से लेकर अंत तक अवश्य पढ़ें और अगर फिर भी आपको समझ में नहीं आता है कि प्राइवेटाइजेशन भारत देश के लिए सही था यह गलत है तू आखरी में मैंने कुछ अपना एग्जांपल दिया है जिससे कि आप समझ पाएंगे कि क्या प्राइवेटाइजेशन भारत देश के लिए सही है या गलत तू इस को अवश्य पढ़ें और यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी हो आपको तो अपने दोस्तों रिलेटिव्स और परिजनों को अवश्य शेयर कीजिए ताकि उनको भी पता चल सके कि प्राइवेटाइजेशन सही है या गलत है हमारे भारत देश के लिए।
तो चलिए शुरू करते हैं यह आर्टिकल Privatization is Good or Bad for India 

Privatization is Good or Bad for India

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लेकिन उससे बिल्कुल विपरीत वर्तमान एनडीए सरकार काफी विस्तृत प्लान देखने को मिले। सरकार ने अपनी पहली डिस इन्वेस्टमेंट 2016 में अनाउंस की जिसके मुख्य उद्देश्य पब्लिक ओनरशिप को प्रमोट करना और सीपीएसईएस में की गई इन्वेस्टमेंट के एफिशिएंट मैनेजमेंट पर ध्यान देना।Privatization is Good or Bad for India 

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इसी दिशा में डिपार्टमेंट ऑफ डिस इन्वेस्टमेंट का नाम बदलकर डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट और पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट कर दिया गया। और साथ ही उसके मैंडेट को एक्सपेंड करके डिसइनवेस्टमेंट के प्रोसेस को प्लेन करने के साथ-साथ सीपीएसमें गवर्नमेंट के इन्वेस्टमेंट को भी मैनेज करने का काम भी शुरू कर दिया गया ।Privatization is Good or Bad for India 

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यही नहीं इसके साथ नीति आयोग को भी एक बड़ा काम देते हुए उससे स्ट्रैटेजिक डिसइनवेस्टमेंट के लिए चीफ एडवाइजर नियुक्त किया गया।Privatization is Good or Bad for India 

इस फेस में मुख्य 5 मेथड्स देखने को मिले जो की थे,,
1.अनिवार्य बायबैक्स
2.बिक्री के लिए प्रस्ताव
3.सार्वजनिक प्रस्ताव
4.मुद्रा कारोबार कोष
5.सीपीएससी से सीपीएसई बिक्री

यही नहीं गवर्नमेंट ने डिस इन्वेस्टमेंट को एक्सपेंड करते हुए उसमें न्यू एवेन्य शत्रु शेयरों की बिक्री,संपत्ति मुद्रीकरण,सूती होल्डिंग्स की बिक्री सेल शामिल था ।

यह मैं आप को बताना चाहूंगा कि सूती एक यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया को फिर से शुरू करके 2003 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया का निर्दिष्ट उपक्रम किया गया था। इसके अलावा गवर्मेंट ने 34 फर्म्स स्टैटिक्स सेल्स को क्लीयरेंस दे दी यही नहीं इसके अलावा फेस टू में सीपीएसईएस के डिसइनवेस्टमेंट प्रोसेस को ट्रांजैक्शन में पार्टिसिपेट करने के लिए कुछ एक्सेप्शन लगा दिए गए जिसके चलते 34 में से 8 सीपीएसईसी को दूसरे सीपीएसएस को ही सेल किया गया था।Privatization is Good or Bad for India 


फिसकल ईयर 2020 खत्म होते होते सरकार ने अपनी 426925 करोड़ में से 305357 करोड रेवेन्यू जेनरेट की थी रिकवर कर ली थी जबकि दिस इन्वेस्टमेंट के ट्रांजैक्शन में से 78 परसेंट डिसइनवेस्टमेंट प्रोसैस्ड माइनॉरिटी के स्टैक्स से ही आए थे।



इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए अक्टूबर 2021 में सरकार ने एयर इंडिया लिमिटेड के स्ट्रैटेजिक सेल्स अप्रूव कर दिया टाटा संस लिमिटेड ने जिसे एक होली एंड सब्सिडी एक प्राइवेट लिमिटेड को प्राइवेट हैंड कर दिया गया जो जनवरी 2022 में कंप्लीट हो गया हालांकि यह सेल काफी समय से रुका हुआ था जिसे लंबे समय से अलग-अलग सक्सेसिव गवर्नमेंट ट्राई कर रहे थे लेकिन आखिरकार हजारों करोड़ों रुपए के लॉस में चल रही घाटे में चल रही एयर इंडिया को एक खरीदार मिल ही गया इसी तरह जैसा कि मैंने आपको बताया एलआईसी के प्राइवेटाइजेशन को लेकर सरकार की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है लेकिन सरकार इसको कब लागू करती है यह देखना दिलचस्प होगाPrivatization is Good or Bad for India 


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निष्कर्ष

दोस्तों यूं तो प्राइवेटाइजेशन इंडियन पॉपुलेशन ऑफ गवर्नमेंट के लिए एक हाईली इमोटिविज्म है जिसे सभी को लेकर दिलो-दिमाग में शंका के बादल मंडरा रहे हैं क्योंकि इसे कभी पब्लिक रिसोर्सेज को प्राइवेट हैंड में हैंडोवर किए जाने से नेगेटिव में शो किया जाता है तो कभी जॉब लॉस के रुप मे।हालांकि देखे बीते 3 दशकों में गवर्नमेंट के डिसइनवेस्टमेंट की पॉलिसी के ऊपर गौर करें तो पाएंगे की प्राइवेटाइजेशन को रिसोर्सेज करने का एक टूल के रूप में यूज़ किया गया है ।इसलिए ओवर 2 ईयर्स डिसइनवेस्टमेंट का ट्रेंड यह है कि या तो गवर्मेंट माइंड इट इस टैक्स सेल कर रही है या फिर सी पी एस सी के थ्रू दूसरे सीपीएसई में क्रॉस ओनरशिप को प्रमोट किया जा रहा है इसी के चलते इतने सालों में महज 10 फॉर्म्स को ही प्राइवेट आइज किया गया है जबकि 31 मार्च 2019 में इंडिया में केवल 249 ऑपरेशन सीपीएसएस मौजूद थे ।



जी आर्टिकल पढ़ने के बाद आपको इतना अनुमान हो गया होगा कि पिछले जो किस्सा 70 साल तक भारत पर राज किया उनके द्वारा प्राइवेटाइजेशन पर जोर नहीं दिया गया वहीं पर हाल ही में आए 2014 से एनडीए सरकार चल रही है वह प्राइवेटाइजेशन पर जोर दे रही है क्योंकि अगर प्राइवेटाइजेशन गलत है तो 991 में एलपीजी रिफॉर्म स्कूल आएगा उसको प्राइवेटाइजेशन क्यों रिफॉर्म्स लाया गया 1991 में जो कि 1956 में कंपनी एक्स ला करके यह कह दिया गया था कि कोई भी कंपनी अधिनियम वह अति महत्‍वपूर्ण विधान है जो केन्‍द्र सरकार को कम्‍पनी के गठन और कार्यों को विनियमित करने की शक्ति प्रदान करता है।Privatization is Good or Bad for India 

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अगर मैं अपना मुद्दा यहां पर रखता हूं तो मुझे ऐसा लगता है कि यदि 1991 में एलपीजी रिफॉर्म्स लाना ही था तो 1956 में कंपनियों को अपने अधीन ला खड़ा कर दिया सरकार ने जब उनको प्राइवेटाइजेशन करना ही था तो उसी समय क्यों नहीं कर लिए उस समय कर लेते तो भारत की स्थिति अभी कुछ और होती।


अगर आपको यह आर्टिकल पढ़ने के बाद कन्फ्यूजन हो रहा है कि प्राइवेटाइजेशन सही है या गलत है तो मैं आपको एक एग्जांपल के तौर पर बताना चाहूंगा कि प्राइवेटाइजेशन क्या है

Privatization is Good or Bad for India


प्राइवेटाइजेशन सुनने से क्या तात्पर्य करवाए उसका तात्पर्य निकल रहा है कि प्राइवेटाइजेशन प्राइवेट कर देना किसी भी सरकारी संपत्ति को इससे क्या लाभ है इससे यह लाभ है कि जैसे कि मैं कहूं आपसे एयर इंडिया को बेच दिया गया या फिर अभी सुनने में आ रहा है कि लाल किला को बेच दिया गया तो उससे क्या तात्पर्य कर ले उससे यह तात्पर्य कल रहा है कि लाल किला को बेच दिया गया है एक कॉन्ट्रैक्ट के तौर पर कि अभी से लेकर मान लीजिए अभी लाल किला को 2022 में बेचा जा रहा है अक्टूबर 2022 में उसको 10 साल के लिए प्राइवेट हैंड में दे दिया गया और उसमें जितना पैसा आया डिसइनवेस्टमेंट जितना पैसा भारत सरकार कहीं और यूज करेगी किसी को लेकर किसी काम को लेकर वह पैसा यूज करेगी और जब 10 साल खत्म हो जाएंगे उसको लेकर के लाल किला के ऊपर लाल किला वापस सरकार के पास आ जाएगी निकलता है कि जो भारत सरकार का लाल किला है उस पर जितने भी खर्च होंगे ना टूरिस्ट जाता है क्यों क्योंकि वहां पर गंदगी फैल रही है पॉल्यूशन फैल रहा है दिल्ली में आप आप देख ही रहे कि दिवाली आने वाली है कितनी सारी पोलूशन हो जाएंगे जिसके कारण ना कोई टूरिस्टर सबसे बड़ा मुद्दा यहां पर है कि टूरिस्ट नहीं आया नहीं आएगा तो आपका फॉरेन कैपिटल नहीं आएगा आपके देश में जिसके कारण अगर इसको प्राइवेट कर दिया जाता है किसी भी सरकारी संपत्ति को तो वह जो प्राइवेट हैंड में गया है उसकी खर्चा देखरेख उसका विज्ञापन वह उसका परचम लहराएगा अन्य देश में जिसके कारण वहां से लोग यहां आएंगे और उस पर विजिट करेंगे जिसके कारण बाहर से फॉरेन कैपिटल वह अपने देश में आएगा फॉरेन एक्सचेंज जो कि हमारे देश के लिए हमारे देश की इकोनॉमी के जीडीपी ग्रोथ करने के लिए बहुत ही ज्यादा हेल्प रखती है। इसलिए मेरा मानना यह है कि प्राइवेटाइजेशन सही है

 

                    Written by Kumar Anubhav...

Privatization is Good or Bad for India

                                   In English Context....

                                                   Topic:-Privatization is Good or Bad for India


Friends, with the declaration of the General Elections of 2014, it was expected that this time again the era of Strategic Sales would start, it was because the NDA government was again established in power and in such a situation their economic policy was also the same. Was expected to be on track as seen during Phase 2. Privatization is Good or Bad for India

Jai Hind my dear friends you are all welcome in this article whether privatization is right or wrong for the country, if you are going to understand the meaning of the topic of this article, then read this article carefully from beginning to end and If still you do not understand that privatization was right for India, it is wrong, in the last I have given my example so that you will be able to understand whether privatization is right or wrong for India, you must read this And if you find this information important, then you must share it with your friends, relatives and relatives so that they can also know whether privatization is right or wrong for our country of India.
So let's start this article Privatization is Good or Bad for India

But quite the opposite of that, the present NDA government got to see a very detailed plan. The government announced its first disinvestment in 2016 with the main objective to promote public ownership and focus on efficient management of investments made in CPSES.Privatization is Good or Bad for India

In this direction, the name of Department of Disinvestment was changed to Department of Investment and Public Asset Management. And at the same time, the work of planning the process of disinvestment by expanding its mandate as well as managing the investment of the government in the CPS was also started. Privatization is Good or Bad for India

Not only this, giving a big task to NITI Aayog, he was appointed as the Chief Advisor for Strategic Disinvestment.Privatization is Good or Bad for India

The main 5 methods were seen in this face which were,
1.Compulsory buybacks
2. Offer for Sale
3.Public Offer
4.Money Trading Fund
5.CPSC to CPSE sales

Not only this, the government, while expanding the disinvestment, included sale of new avenue enemy shares, property monetization, sale of cotton holdings.

This I would like to inform you that a unit trust of India was re-introduced in 2003 as a designated undertaking of the Unit Trust of India. Apart from this, the government has given clearance to 34 firms statics sales, not only this, some exceptions have been imposed in phase two to participate in the disinvestment process of CPSES, due to which 8 out of 34 CPSECs were sold to other CPSS only. was.Privatization is Good or Bad for India

By the end of fiscal year 2020, the government had generated 305357 crore revenue out of its 426925 crore, while 78% of the disinvestment transactions of this investment came from processed minority stacks.

Moving forward in this direction, in October 2021, the government approved the strategic sales of Air India Limited by Tata Sons Limited, which was handed over to a private and subsidized private limited company, which was completed in January 2022, although this sale took a long time. Which was being tried by different successful governments for a long time, but finally the loss-making Air India, which was running in losses of thousands of crores of rupees, got a buyer, similarly as I told you to privatization of LIC. The preparations for the government are going on in full swing, but it will be interesting to see when the government implements itPrivatization is Good or Bad for India

conclusion

Friends, privatization is a high empiricism for the Indian Population of Government, about which there is a cloud of doubt in everyone's mind and heart because it is sometimes shown in negative due to handover of public resources to private hands and sometimes job. In the form of loss. However, if we look at the policy of disinvestment of the government in the last 3 decades, you will find that privatization has been used as a tool of resources. So the trend of disinvestment over 2 years is that either Government mind it is selling this tax or cross ownership is being promoted in other CPSEs through CPSC, due to this only 10 forms have been made private in so many years whereas on 31 March 2019 in India In only 249 Operation CPSS were present.

After reading this article, you must have guessed so much that privatization was not emphasized by the anecdote that ruled India for 70 years, but from the recent 2014, NDA government is running, it is emphasizing on privatization. Because if privatization is wrong then LPG reform school will come in 991 why privatization reforms were brought in 1991 which by introducing Company X in 1956 it was said that any Companies Act is the most important legislation which allows the Central Government to form a company. and provides the power to regulate actions. Privatization is Good or Bad for India

If I put my point here I feel like 

It seems to me that if LPG reforms had to be brought in 1991, then in 1956, the companies were brought under their control, when the government had to privatize them, then why did they not do it at that time, then the situation of India is still something else. Would have been

If you are getting confused after reading this article that privatization is right or wrong, then I would like to tell you as an example what is privatization.

What is the meaning of listening to privatization, it is being understood that what is the benefit to any government property by making privatization private, it is a benefit that as if I say you were sold to Air India or it is now being heard that If the Red Fort was sold, then what does it mean, it means that the Red Fort has been sold as a contract that from now on, suppose the Red Fort is being sold in 2022 in October 2022 It was given to him in private hands for 10 years and the amount of disinvestment that came in it, the Government of India will use that money for some work for someone else, and when the 10 years are over, take it over the Red Fort. The Red Fort will come back to the government, it turns out that whatever is the Red Fort of the Government of India, no tourist goes there because the dirt is spreading there, pollution is spreading in Delhi, you are seeing that Diwali is coming. It is going to be a lot of pollution, due to which no tourist is the biggest issue. It is here that if the tourist does not come, then your foreign capital will not come to your country, due to which if it is made private, then any government property that has gone into private hands, its advertisement will be taken care of. In other country, due to which people from there will come here and visit it, due to which foreign capital from outside will come to their country, foreign exchange which is very helpful for our country to increase GDP growth of our country's economy. . That's why I believe that privatization is right.

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